हर महिला को प्रेगनेंसी से जुड़े सभी सवालों के बारे में अवश्य ही मालूम होना चाहिए। यह कोई मुश्किल विषय नहीं हैं, बस थोड़ी सी जानकारी के बाद आप इस पड़ाव को भी अन्य दिनों की तरह चिंता मुक्त होकर बिता सकती है। पीरियड्स के न आने पर अक्सर महिलाओं को लगता है कि कहीं वो प्रेगनेंट तो नहीं हो गई हैं।

सबसे पहले आपको बता दें कि पीरिड्स कई अन्य समस्याओं के कारण भी मिस हो सकते हैं। साथ ही प्रेगनेंसी का प्रयास करने वाली महिलाएं ही पीरियड्स मिस होने पर गर्भवती हो सकती है। अधिकतर महिलाओं के मन में यह भी सवाल आता है कि पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते है या पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। 

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इस लेख में आपको पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करें, इसके बारे में ही विस्तार से बताया गया है। साथ ही आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही समय क्या है आदि विषयों पर भी जानकारी देने का प्रयास किया गया है। 

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  1. पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे - Periods ke kitne din baad pregnancy test karna chahiye
  2. पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे - Period miss hone par pregnancy test kab kare

पीरियड के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करने का भी एक निश्चित समय होता है। सामान्यतः पीरियड मिस होने के बाद ही प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। लेकिन यदि आप पिछली ओवुलेशन प्रक्रिया से आठ दिन पहले प्रेगनेंसी टेस्ट करती हैं तो इससे आपको इसके सटीक परिणाम नहीं मिल पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि निषेचन प्रक्रिया के बाद ही प्रेगनेंसी का टेस्ट करना चाहिए। गर्भाधारण के बाद भी ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोफिन (एचसीजी/HCG/ प्रेगनेंसी की पुष्टि करने वाला हार्मोन) हार्मोन तब तक स्रावित नहीं होता जब तक कि अंडा पूरी तरह से निषेचित न हो जाए।

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प्रेगनेंसी का प्रयास करने के बाद अगले पीरियड मिस होन से चार दिन पहले आप प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। ओवुलेशन के बाद अगले पीरियड आने तक के बीच में सामान्यतः 14 दिनों का समय होता है। ऐसे में अगले संभावित पीरियड के आने से करीब चार दिन पहले प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है, लेकिन मासिक धर्म चक्र की अवधि कम या ज्यादा होने पर इस टेस्ट के नतीजे सटीक नहीं आ पाते हैं।

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आपको बता दें कि ओवुलेशन प्रक्रिया शुरु होने के 6 से 12 दिनों के बाद गर्भाधारण की संभावना अधिक होती है। जबकि 8 से 10 दिनों में इसकी संभावना 85 प्रतिशत होती है। गर्भाधारण के बाद हर 48 घंटों में एचसीजी का स्तर दोगुना हो जाता है। गर्भावस्था के शुरुआती दौर में हर महिला में एचसीजी हार्मोन का स्तर अलग अलग हो सकता है। गर्भाधारण के बाद एचसीजी का स्तर आपकी प्रेगनेंसी टेस्ट के नतीजों को प्रभावित करता है।

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पीरियड मिस होना प्रेगनेंसी का पहला संकेत होता है। इसके अलावा भी गर्भाधारण के दौरान महिला को स्तनों को छूने में दर्द होना, पेट में हल्की ऐंठन, थकान, खूशबु के प्रति संवेदनशीलता और सुबह के समय जी मिचलाना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।

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पीरियड्स मिस होने के कम से कम एक सप्ताह बाद आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। इससे आपको प्रेगनेंसी के सही परिणाम मिलते हैं। साथ ही सुबह उठने के तुरंत बाद ही महिला को प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए, क्योंकि इस दौरान महिला के यूरिन (मूत्र) से सही नतीजे मिलते हैं। सामान्यतः घर पर यूरिन के सैंपल से किए जाने वाला टेस्ट 99 प्रतिशत सटीक होता है, लेकिन ब्लड टेस्ट के नतीजे यूरिन टेस्ट (मूत्र परीक्षण) के मुकाबले अधिक सटीक माने जाते हैं।

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निम्नलिखित आधार पर प्रेगनेंसी टेस्ट की सटिकता निर्भर करती है।

  • प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए उपयोग की जाने वाली किट पर लिखें निर्देशों को सही तरह से फोलो करना।
  • मासिक धर्म चक्र में ओवुलेशन होना और कितनी जल्द आपका अंडा निषेचित होता है।
  • प्रेगनेंसी के बाद आपके द्वारा जल्द टेस्ट करना। (और पढ़ें - ओवुलेशन से जुड़े मिथक)
  • प्रेगनेंसी टेस्ट की संवेदनशीलता, आदि।  

प्रेगनेंसी टेस्ट कितने प्रकार के होते हैं?

अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो मूत्र (यूरिन) व रक्त से प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं।

  • यूरिन टेस्ट:
    यूरिन टेस्ट को आप घर या डॉक्टर के क्लिनिक पर भी करवा सकती हैं। आज के दौर में अधिकतर महिलाएं अपने पीरियड्स मिस होने के एक सप्ताह बाद घर पर ही प्रेगनेंसी की जांच करना पंसद करती हैं। घर पर किये जाने वाला यह टेस्ट बेहद ही आसान और निजी होता है। (और पढ़ें - प्रेगा न्यूज़ प्रेगनेंसी टेस्ट किट का उपयोग क्या है
     
  • ब्लड टेस्ट:
    ब्लड टेस्ट डॉक्टर के पास जाकर ही करवाया जा सकता है, लेकिन आज यूरिन टेस्ट के मुकाबले इसका कम उपयोग किया जाता है। इस टेस्ट से ओवुलेशन के 6 से 8 दिनों के बाद ही प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है। साथ ही घर पर किए जाने वाले टेस्ट की अपेक्षा इसको काफी पहले किया जा सकता है। लेकिन इस टेस्ट के रिजल्ट घर पर किए जाने वाले टेस्ट के मुकाबले ज्यादा देर बाद आते हैं। 

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