कमजोरी क्या होती है ?

कमजोरी से शरीर में थकावट की भावना होती है। ऐसा हो सकता है कि कमजोरी महसूस करने वाला व्यक्ति अपने शरीर का कोई हिस्सा ठीक से न हिला पाए और उसे उस हिस्से में झटके या ऐंठन महसूस हों।

कुछ लोगों को उनके शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी महसूस होती है, जैसे - हाथों या पैरों में और कुछ लोगों को इन्फ्लूएंजा या हेपेटाइटिस जैसे बैक्टीरियल संक्रमण या वायरल इन्फेक्शन के कारण पूरे शरीर में कमजोरी महसूस होती है। कमजोरी कुछ समय के लिए हो सकती है लेकिन कुछ मामलों में यह लम्बे समय तक भी रह सकती है।

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कमजोरी के इलाज के लिए सबसे पहले इसके कारण की पहचान करके उसका उपचार किया जाना चाहिए। हालांकि, अगर इसके किसी कारण का पता नहीं चल पाया है या उपचार से कमजोरी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है, तो इसके लक्षणों का इलाज किया जाना चाहिए।

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अगर कमजोरी ऐसे विकार के कारण हुई है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, तो कॉर्टिकॉस्टिरॉइड (Corticosteroids) दवाओं से कमजोरी का इलाज किया जा सकता है।

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कमजोरी के प्रकार - Types of Weakness in Hindi

कमजोरी के कितने प्रकार होते हैं ?

कमजोरी के निम्नलिखित दो प्रकार होते हैं -

न्यूरोमस्कुलर कमजोरी (Neuromuscular weakness)
न्यूरोमस्कुलर कमजोरी में किसी दिक्क्त या क्षति के कारण मांसपेशी की ताकत कम हो जाती है, जिससे उसके कार्य करने की क्षमता में कमी आती है।

नॉन-न्यूरोमस्कुलर कमजोरी (Non-neuromuscular weakness)
नॉन-न्यूरोमस्कुलर कमजोरी में आपको कोई कार्य करते समय कमजोरी महसूस होती है जबकि वास्तव में मांसपेशी बिलकुल सामान्य होती है।

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कमजोरी के लक्षण - Weakness Symptoms in Hindi

कमजोरी के लक्षण क्या होते हैं ?

अगर आपको शरीर के किसी एक हिस्से में कमजोरी महसूस हो रही है, तो हो सकता है आप उस हिस्से को ठीक से हिला न पाएं या वह हिस्सा ठीक से अपना कार्य न कर पाए। आप निम्नलिखित लक्षण भी अनुभव कर सकते हैं -

पूरे शरीर में कमजोरी होने से आपको थकान महसूस होने लगती है और ऐसा लगता है जैसे आपको  फ्लू हो गया हो। कई मामलों में ऐसा भी हो सकता है कि आपको बिना थकावट कमजोरी महसूस हो।
पूरे शरीर में कमजोरी महसूस करने वाले कुछ लोगों को बुखार, फ्लू जैसे लक्षण और प्रभावित अंग में दर्द महसूस होता है।

(और पढ़ें - नसों में दर्द)

अन्य लक्षण -

अगर आप निम्नलिखित लक्षण अनुभव करते हैं, तो अपने डॉक्टर के पास जाएं -

कमजोरी के कारण - Weakness Causes in Hindi

कमजोरी क्यों होती है?

कई कारणों से आपको बहुत अधिक कमजोरी महसूस हो सकती है, इसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं -

  • चिंता या डिप्रेशन:  
    इन दोनों स्थितियों को थकान व कमजोरी की मुख्य वजह माना जाता है लेकिन दुर्भाग्यवश इसके ज्यादातर मामलों का निदान नहीं हो पाता है। जिसकी वजह यह है कि इसके मामलें आसानी से पहचान भी नहीं आते। बहुत अधिक चिंता करना या अवसाद में रहना पीड़ित के जीवन स्तर और कार्यशैली पर बहुत बुरा प्रभाव ड़ालते हैं।
     
  • सुस्ती:
    गतिहीन जीवनशैली और सुस्ती के कारण मांसपेशियां समय के साथ -साथ  कमजोर हो जाती हैं।
     
  • उम्र: 
    जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारी कोशिकाओं और ऊतकों की आपस में तालमेल रखने की क्षमता कम होती रहती है। इसी वजह से बूढ़े लोग कम सक्रिय रहकर अपनी ऊर्जा बचाने लगते हैं। जब एक व्यक्ति तनाव में होता है, तो वह कमजोरी के लक्षण अनुभव करता है।
     
  • संक्रमण और लम्बी चलने वाली बीमारियां: 
    जब शरीर को लगातार संक्रमणों से लड़ना पड़ता है, तो शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। शरीर में लम्बे समय से चले आ रहे इंफेक्शन जैसे टीबी और हेपेटाइटिस के कारण भी पीड़ित को थकान रहने लगती है, इसकी एक वजह यह है कि इन बीमारियों के चलते मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। इसी तरह शुगर और अनिद्रा की बीमारी के चलते भी पीड़ित को बेहद कमजोरी महसूस होने लगती है। (और पढ़ें - इन्फेक्शन का इलाज)
     
  • विटामिन की कमी:  
    महत्वपूर्ण विटामिनों की कमी से लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में कमी आती है, जिससे शरीर में ऊर्जा कम हो जाती है। (और पढ़ें - विटामिन की कमी)

कमजोरी के जोखिम कारक क्या होते हैं ?

कमजोरी के जोखिम कारक निम्नलिखित हैं -

हालांकि, कैंसर से होने वाली कमजोरी समस्या के साथ धीरे-धीरे बढ़ती है लेकिन हार्ट अटैक या स्ट्रोक से तुरंत कमजोरी होने लग जाती है।

कमजोरी के बचाव के उपाय - Prevention of Weakness in Hindi

कमजोरी से कैसे बचा जा सकता है ?

कमजोरी से बचने के निम्नलिखित उपाय हैं -

  • कैफीन और शराब पीने से बचें।
  • अत्यधिक एक्सरसाइज या डाइटिंग न करें।
  • रात को पूरी नींद लें। (और पढ़ें - नींद न आना)
  • कैल्शियमप्रोटीन और कम फैट वाले खाने को अपने आहार में शामिल करें।
  • पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाएं, इससे शरीर में ऊर्जा रहती है और थकान कम होती है।
  • लगातार थकान महसूस होने, कम ऊर्जा महसूस होने और मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होने पर तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं।
  • दिन में कार्यों को एक ही नियम से करने यानी आराम के समय और एक्टिव लाइफ स्टाइल के समन्वय वाली दिनचर्या बना कर और थोड़ी एक्सरसाइज कर लेने से कमजोरी से बचा जा सकता है।
  • रोजाना कम से कम तीस मिनट बाहर गुजारने का प्रयास करें। इससे दिमाग और शरीर को शांति मिलती है, तनाव कम होता है और मानसिक स्वास्थ पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

कमजोरी का परीक्षण - Diagnosis of Weakness in Hindi

कमजोरी का परीक्षण कैसे होता है ?

कमजोरी के निदान के लिए कुछ परीक्षण किए जाते हैं, जिनके आधार पर इसके लिए उचित इलाज चुना जाता है। कमजोरी के लिए किए जाने वाले परीक्षण निम्नलिखित हैं -

यूरिन टेस्ट
शुगर, किडनी रोग या लिवर रोग और प्रेगनेंसी का पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट किया जाता है। खासकर उन महिलाओं में जिन्हें हाल ही में थकान की समस्या शुरू हुई है और वह बच्चे पैदा करने की उम्र में हैं।

अन्य परीक्षण

कमजोरी का इलाज - Weakness Treatment in Hindi

कमजोरी का उपचार क्या है?

कमजोरी का सही इलाज करने के लिए इसके कारण का पता होना आवश्यक है। इसके कुछ इलाज निम्नलिखित हैं -

  • संक्रमण के कारण हुई कमजोरी - संक्रमण से लड़ने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई एंटीबायोटिक दवाओं से खोई हुई ऊर्जा वापिस पाई जा सकती है। 
  • डिप्रेशन के कारण हुई कमजोरी - एंटीडिप्रेसेंट दवाओं से थकान को ठीक किया जा सकता है। (और पढ़ें - थकान दूर करने के घरेलू उपाय)
  • विटामिन की कमी के कारण हुई कमजोरी - विटामिन की कमी से हुई चयापचयी (Metabolic) असामान्यता को ठीक करने के लिए वह विटामिन दिया जाता है जिसका स्तर कम है। अधिकतर थकान विटामिन बी12 और फोलेट की कमी के कारण होती है। (और पढ़ें - विटामिन बी 12 की कमी)
  • अधिक काम के कारण हुई कमजोरी - अगर ज़्यादा काम करने के कारण मांसपेशियों में कमजोरी हो रही है, तो जीवनशैली में परिवर्तन से इसका इलाज किया जा सकता है। (और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द के घरेलू उपाय)
  • स्वप्रतिरक्षित विकारों के कारण हुई कमजोरी - ऐसी दवाएं जो प्रतिरक्षा तंत्र को होने वाली क्षति को रोकती है, वे कमजोरी का भी अच्छे से इलाज कर सकती है।
    कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Corticosteroids)भी ऐसी ही एक दवाई है। (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)

कमजोरी के जोखिम और जटिलताएं - Weakness Risks & Complications in Hindi

कमजोरी की जटिलताएं क्या होती हैं ?

इलाज न होने पर कमजोरी से गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। जैसे -

  • नसों की कमजोरी, डिप्रेशन और स्किज़ोफ्रेनिया (और पढ़ें - नसों में दर्द)
  • अगर कमजोरी लम्बे समय से है, तो इससे ध्यान लगाने में समस्या, असक्रिय व्यवहार और याददाश्त की समस्याएं भी हो सकती है। (और पढ़ें - ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार)
  • अगर कमजोरी की यह दिक्क्त संक्रमण के कारण हुई है या फिर किसी गंभीर बीमारी के कारण हुई है तो इसके चलते शरीर को काफी नुकसान होता है। साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) और पूरे शरीर के कार्य में समस्याएं आने लगती है। 

Siddhartha Vatsa

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कमजोरी की दवा - OTC medicines for Weakness in Hindi

कमजोरी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
myUpchar Ayurveda Urjas T-Boost Capsuleएक बोतल में 60 कैप्सूल719.0
myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsuleएक बोतल में 60 कैप्सूल719.0
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Myupchar Biotin Plus Tablet (60)एक बोतल में 60 टैबलेट699.0
Urjas Shilajit Capsule by myUpchar Ayurvedaएक बोतल में 60 कैप्सूल719.0
Sprowt Multivitamin with Probiotics - 45 Ingredients Improves Immunity, Gut Health, Good For Bones & Joint Healthएक बोतल में 60 टैबलेट499.0
Myupchar Ayurveda Prajnas Women Health Capsuleएक बोतल में 60 कैप्सूल719.0
Myupchar Ayurveda Kumariasava 450mlएक बोतल में 450 ml आसव382.0
Urjas Pure Shilajit Resin by myUpchar Ayurvedaएक डब्बे में 15 gm रेजिन1299.0
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