गर्भधारण के साथ ही गर्भवती महिला के जीवन में कई तरह की समस्याएं आती हैं उनमें से एक है जी मितली, जिसका जड़ी बूटियों द्वारा निदान के बारे में आज हम इस लेख के जरिए बात करेंगे।
गर्भावस्था में जी मिचलाने की समस्या बहुत आम होती है। आमतौर पर यह पहली तिमाही में शुरू होती है। गर्भावस्था के दूसरे सप्ताह में यह समस्या और बढ़ जाती है। कभी-कभी यह इतनी बढ़ जाती है कि गर्भवती के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है। आज इस लेख के जरिए हम जानेंगे कि जड़ी बूटियों के द्वारा कैसे जी मितली को दूर किया जा सकता है? इस समस्या को दूर करने के लिए किन-किन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है?
निम्नलिखित जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से जी मितली की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है:
पुदीना:
रात को सोने से पहले पुदीने की चाय पीने से जी मितली की समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है। यह गैस और सूजन के लक्षणों को भी कम करता है। गर्म पानी में 2 चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियां डालें और इसे 10 मिनट के लिए उबलने दें। गर्म होने पर चाय को छानकर पीएं।
कैमोमाइल:
कैमोमाइल(चमेली) पेट दर्द से राहत दिलाता है और जी मितली की समस्या को भी कम करता है। आवश्यकता होने पर तत्काल राहत के लिए कैमोमाइल से बनी चाय का सेवन किया जा सकता है।
पत्ता गोभी:
पत्ता गोभी भी जी मितली की समस्या को कम करने में असरकारक है। इसे कच्चा, जूस, सब्जी आदि किसी भी रूप में लिया जा सकता है। इसे सलाद के तौर पर भी खा सकते हैं उबली हुई पत्ता गोभी का सेवन भी एक अच्छा विकल्प है।
अदरक:
सूखे अदरक का उपयोग करके बनाई गई चाय का सेवन करने से जी मितली से लड़ने में मदद मिलती है। यह पेट को ठंडा करती है, गैस और सूजन जैसी समस्याओं को भी कम करताी है।
रसभरी के पत्ते:
रसभरी की पत्तियों का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता इसलिए गर्भावस्था में इनका सेवन करना सुरक्षित है। रसभरी की पत्तियां कैल्शियम, आयरन, विटामिन ई और विटामिन सी से भरपूर होती हैं। इसकी पत्तियों का उपयोग करके बनाई गई चाय के सेवन से गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में मदद मिलती है। इसके सेवन से मांसपेशियां मजबूत होती है जो प्रसव के दौरान मदद करता है। यह मां के स्तन में दूध को बढ़ाते हैं और मिसकैरेज के खतरे को रोकते हैं।
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गर्भावस्था में जी मितली को दूर करने के लिए उपर्युक्त सभी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल सुरक्षित है। इसके आलावा कई बार ऐसा भी होता है कि घर के बड़े-बुजुर्ग अपने अनुभव अनुसार जी मितली को रोकने के अलग अलग उपाय, नुस्खे और जड़ी बूटियां बताते हैं। इन परिस्थिति में आपको सुरक्षित रहने के लिए बेहद सावधान रहने की जरूरत होती है। किसी भी खाद्य पदार्थ या जड़ी बूटी को इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना ज्यादा उचित रहता है।