अल्जाइमर रोग एक ऐसी समस्या है जो बूढ़े लोगों में ज्यादातर देखी जाती है। इस समस्या के दौरान मस्तिष्क की कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) का नाश होने लगता है। याददाश्त में कमी (कमजोर याददाश्त), भाषा एवं बातचीत करने में समस्या, मस्तिष्क का सही प्रकार से कार्य न करना आदि समस्याएं होने लगती हैं। जो कि मरीज की स्थिति को काफी खराब बना देते हैं। इस समस्या का अभी तक निदान संभव नहीं हो पाया है, किन्तु कुछ दवाओं, आहार एवं दिनचर्या में कुछ बदलाव करके इसके लक्षणों को कुछ समय के लिए नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं वे कौन से आहार हैं, जिनसे अल्जाइमर के रोग को दूर रखा जा सकता है और किन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए :

  1. अल्जाइमर के मरीज को क्या खाना चाहिए - Food for alzheimer's patients in Hindi
  2. अल्जाइमर में खाने की इन आदतों का रखें ध्यान - Be careful about Alzheimer’s disease eating habits in Hindi
  3. अल्जाइमर में क्या न खाएं और परहेज - What we should avoid in Alzheimer’s disease in Hindi
  4. अल्जाइमर का डाइट प्लान - Diet plan for Alzheimer’s patient in Hindi
  5. अल्जाइमर रोग में क्या खाएं, क्या नहीं खाएं और परहेज के डॉक्टर

1. अखरोट - अखरोट विटामिन ई, फ्लैवेनॉइड, ओमेगा 3 फैटी एसिड और मेलाटोनिन का काफी अच्छा स्रोत होता है। ये सभी पोषक तत्व मष्तिष्क एवं हृदय के स्वास्थ्य के लिए काफी उत्तम माने जाते हैं। कई रिसर्च स्टडी से पता चला है कि लगातार अखरोट के सेवन से इस बीमारी की रफ्तार को काफी धीमा किया जा सकता है। अपनी रोजाना की डाइट में इन पोषक तत्वों को लेने लिए दिनभर में मुट्ठीभर अखरोट भी काफी होगा, इसे आप मध्य आहार में ले सकते हैं या नाश्ते की तरह वॉल्डरॉफ सलाद की तरह।

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2. डार्क चॉकलेट का अवश्य सेवन करें - चॉकलेट सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले डिजर्ट में से एक है। इसमें मौजूद फ्लैवेनॉल (एक प्रकार का फ्लावनोईड है, जिसमे एंटी-इंफ्लेमेटरी एवं एंटी-ऑक्सीडेंट काफी अच्छी मात्रा होता है) हमारे मष्तिष्क को बेहतर तरीके से कार्य करने एवं अल्जाइमर रोग के लक्षणों को नियंत्रित में मदद करता है। इस सुपरफूड को आप हॉट चॉकलेट, मिल्कशेक के द्वारा या फिर डिजर्ट की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. फैटी फिश का सेवन होगा लाभदायक - तेज दिमाग के लिए मछली का सेवन काफी समय से प्रचलित है। यदि विज्ञान की बात करें तो वसा युक्त मछली में काफी मात्रा में डीएचए होता है, जो मष्तिष्क के विकास एवं समस्याओं के लिए काफी लाभकारी साबित होता है। कार्डियोवैस्कुलर एवं कॉग्नेशन हेल्थ स्टडी के अनुसार, फैटी फिश के नियमित सेवन से डेमेंशिया एवं अल्जाइमर रोग की प्रगति एवं खतरा कम होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, सप्ताह में दो बार फैटी फिश का सेवन कर सकते हैं। इन मछलियों में आप रवाशा, बांगड़ा, सुरमई आदि मछलियों का सेवन कर सकते हैं।

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4. हल्दी - आज के समय में हल्दी एक विश्व प्रसिद्ध औषधि बन गया है। हल्दी अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-एजिंग, एंटी कैंसरस एवं एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के लिए जानी जाती है। हल्दी का सेवन भी अल्जाइमर रोग के जोखिम को काफी हद तक कम करने के साथ-साथ मेमोरी पॉवर को भी बूस्ट करने में मदद करता है, क्योंकि इसमें करक्यूमिन नामक गुण पाया जाता है। यह हमारे शरीर में इन्फ्लेमेशन (सूजन) एवं ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने का काम करता है, करक्यूमिन के जिसके जरिए अल्जाइमर रोग के उपचार में मदद मिलती है। अल्जाइमर से बचे रहने या इसके असर को कम करने के लिए आप रोज रात को सोने से पहले हल्दी का सेवन दूध के साथ भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप दाल, सब्जी, अचार में भी इसका सेवन कर सकते हैं।

  1. अल्जाइमर के लिए विटामिन K युक्त आहार - Vitamin K rich food for for alzheimer's patients in Hindi
  2. अल्जाइमर के लिए विटामिन डी युक्त आहार - Vitamin d rich food for alzheimer's patients in Hindi

अल्जाइमर के लिए विटामिन K युक्त आहार - Vitamin K rich food for for alzheimer's patients in Hindi

कुछ रिसर्च स्टडीज में दर्शाया गया है कि विटामिन के एवं अल्जाइमर रोग के बचाव के बीच में गहरा संबंध है। इसके अलावा भी विटामिन के, के हमारे शरीर में काफी महत्वपूर्ण कार्य हैं, जैसे कि रक्त का थक्का बनाना, हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखना, मस्तिष्क को सही प्रकार से कार्य करने में मदद करना। इस पोषक तत्व को अपने रोजाना के आहार में लेने के लिए कुछ चीजें नियमित तौर पर ले सकते हैं, जैसे कि :

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myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Manamrit Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

अल्जाइमर के लिए विटामिन डी युक्त आहार - Vitamin d rich food for alzheimer's patients in Hindi

सामान्यतः अल्जाइमर रोग से बुजुर्ग पीड़ित होते हैं, जो डेमेंशिया के प्रकारों में से एक है। अल्जाइमर रोग के मरीजों में विटामिन डी की काफी कमी देखी जाती है, साथ ही साथ मूड स्विंग व मस्तिष्क के सही प्रकार से कार्य करने में भी कमी देखी जाती है। कई रिसर्च स्टडीज में देखा गया है कि इस समस्या के दौरान विटामिन डी का सेवन काफी लाभप्रद देखा गया है। इस विटामिन को अपने आहार में लेने के लिए कुछ चीजें नियमित तौर पर अपने आहार में लें, जैसे कि :

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1. पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाते रहें - इस समस्या के दौरान, व्यक्ति को सामान्य की तुलना में, उस मात्रा में प्यास का अनुभव नहीं हो पाता है। ऐसे में उन्हें समय-समय पर पानी के लिए पूछते रहें। इसके साथ ही आप उनके फोन में पानी के लिए रिमाइंडर भी लगा सकते हैं एवं उनकी पानी की बोतल को पहले से/दिन के शुरुआत में ही भरकर रख दें और दिनभर में उनके पानी को इस प्रकार से ट्रैक कर सकते हैं।

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2. डेन्चर की फिटिंग सही ना हो तो - इस दौरान यदि डेन्चर की फिटिंग सही ना हो तो खाने से संबंधित समस्याएं बढ़ सकती हैं और वह मरीज अपनी समस्या बता भी नहीं पाते हैं। ऐसे में नियमित तौर पर दांत के डॉक्टर के पास विजिट करें। इस समस्या के दौरान जब भी भोजन तैयार करें, ध्यान दें, भोजन बहुत कड़ा ना हों, सॉफ्ट, चबाने एवं निगलने योग्य हो। ऐसे में भोजन को अच्छे से मसलकर, घीस कर, पका कर सर्व कर सकते हैं। एप्पल स्टू, मसला पनीर, मसला आलू, मिल्कशेक, दलिया आदि दे सकते हैं।

3. कहीं खाना गले में फंस तो नहीं रहा - इस समस्या के दौरान खाना गले में अटकना सामान्यतः बात है। ऐसे में आसानी से चबाने एवं निगलने योग्य खाना सर्व करें एवं अटकने योग्य आहार जैसे कि कच्चे फल एवं सब्जियां आदि ना दें। उन्हें सीधा बैठकर खाने एवं सिर सीधा रखकर खाने के लिए प्रोत्साहित करें और भोजन के अंत में उनके मुंह की जांच कर लें कि सारा भोजन निगल लिया गया है अथवा नहीं। (और पढ़ें - गले में कुछ अटक जाए तो क्या करें)

4. कब्ज की समस्या से बचें - इस समस्या के दौरान ली जाने वाली दवाओं एवं कम पानी के सेवन से कई बार कब्ज की समस्या हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए मरीज को सब्जियां, फल, साबुत अनाज, छाछ आदि के सेवन के लिए प्रोत्साहित करें। (और पढ़ें - कब्ज का घरेलू उपाय)

5. भूख नहीं लगना - इस दौरान ली जाने दवाओं से कई बार भूख प्रभावित हो जाती है। ऐसे में उनका पसंदीदा आहार बनाएं। उन्हें शारीरिक रूप से सक्रिय रखें। भोजन में लम्बे समय का अंतराल न रखें, छोटे-छोटे आहार लेने की आदत डालें। यदि इस वजह से वजन में कमी आए तो आहार विशेषज्ञ से मिलकर एक कस्टमाइज डाइट प्लान बनवा सकते हैं। (और पढ़ें - भूख कैसे बढ़ाये)

अल्जाइमर रोग में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट एवं ज्यादा चीनी वाली वस्तुओं से परहेज करें, यह इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं। ऐसे में मैदा, केक, पेस्ट्री, पुडिंग, मिठाई, सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट जूस आदि से परहेज करें।

ज्यादा सोडियम की मात्रा इस दौरान नुकसानदायक साबित हो सकती है। ऐसे में ऊपर से नमक, प्रोसेस्ड एवं जंक फूड के सेवन से परहेज करें। जिन वस्तुओं में प्रेजरवेटिव हो, उनमें भी सोडियम की अधिकता होती है, उनसे भी परहेज करें। ऐसे में अचार, पापड़, चटनी, कैंड फूड, सॉस, रेडी टू ईट फूड, पैकेट वाले भोज्य पदार्थ आदि के सेवन से बचें।

ट्रांस फैट के सेवन से हमारे मस्तिष्क पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है एवं यह बीमारी की स्थिति को भी बिगाड़ देता है। पैकेट वाले खाद्य पदार्थ, बर्गर, पिज्जा आदि में इनकी अधिकता होती है, इनके सेवन से बचें।

एस्पारटम एक प्रकार का शुगरफ्री है, जिसका प्रयोग सामान्यतः सॉफ्ट ड्रिंक एवं शुगरफ्री फूड प्रोडक्ट्स में होता है। इसका हमारे मस्तिष्क पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कोशिश करें कि इसका सेवन बिल्कुल ना करें।

अल्कोहल इस समस्या के लक्षणों को और बिगाड़ देता है। यदि आप शराब का सेवन कर रहे हैं, तो जल्द से जल्द बंद कर दें।

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सुबह - दूध (1 कप) + अखरोट (4-6)
सुबह का नाश्ता - भरवां पराठा (2) + दही (1 कटोरी) + हरी चटनी (2 चम्मच)
मध्य आहार - सेब (1 छोटा)
दोपहर का खाना - चपाती (2) + अरहर की दाल/खीरे का रायता (1 कटोरी) + लौकी की सब्जी (1 कटोरी) + कद्दूकस सलाद (1 कटोरी)
शाम की चाय - हल्दी की चाय (1 कप) + भूना मखाना (1 कटोरी) / उबला अंडा (1)
रात का खाना - सब्जियों का सूप (1 कप) + बेसन की रोटी (2) + पनीर की सब्जी (6-7 टुकड़े)/ मछली की करी (1-2 टुकड़े)
सोते समय - हल्दी वाला दूध (1 गिलास)

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Dr. Dhanamjaya D

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