आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जो खाद्य सामग्री हाइपोथायरायडिज्म की समस्या में हानिकारक है वो हाइपरथाइरॉइडिस्म की समस्या में लाभदायक हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं थायराइड अधिक हो तो क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
हाइपरथाइरोइड में कैसा हो आहार-
जैसा की इस परिस्थिति में ऊर्जा की खपत सामान्य से अधिक होती है इसलिए हमे अपनी जरूरत से ज्यादा मात्रा में ऊर्जा का सेवन करना है, जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिल सके।
ज्यादा ऊर्जा वाले खाद्य पदार्थ (हाई कैलोरी फ़ूड) के लिए -
बिना चोकर के आटा, ब्रेड, चावल, आलू, शकरकंदी, फुल क्रीम मिल्क एवं उससे बने दही, पनीर, आम, चीकू, लीची, केला, खजूर, सूजी, गुड़, चिक्की, चॉकलेट, शहद, मेपल सीरप आसानी से ले सकते हैं, संतुलित आहार लें. रोटी पर घी या मक्खन लगा कर खाएं, दूध जब भी लें तो रोज सिरप या चॉकलेट पाउडर भी डाल कर कैलोरी बढ़ा सकते है।
दो खानों में देर न करें-
घर पर बने लड्डू, मिल्कशेक, कॉर्न सलाद, चना सलाद पनीर सैंडविच, साबूदाने की खीर आदि का मध्य भोजन (मिड मील) में सेवन कर सकते हैं. जिससे आप अपनी ऊर्जा की मात्रा बढ़ा पाएंगे।
भोजन में रखें उच्च मात्रा में प्रोटीन-
वजन कम होने के कारण मांसपेशिया कमजोर हो जाती हैं इसलिए उच्च मात्रा में प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें, इसके लिए दालें, राजमा, छोले, लोबिया, दही, अंडा, मछली, लीन मीट आदि अपने खाने में रख सकते हैं। यदि आपके भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम है तो अपने डॉक्टर से पूछ के प्रोटीन सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
उच्च गुणवत्ता वाले वसा हैं जरुरी-
इनको अपने भोजन में अवश्य शामिल करें। इनसे न ही सिर्फ आपकी रोज की वसा की आवश्यकता को पूरी होगी, साथ ही ये आपको वजन बढ़ाने में भी मदद करेंगे। इनमे आप बादाम, अखरोट, पिस्ता, मूंगफली, सफ़ेद तिल, अलसी के बीज, सूरजमुखी के बीज, खरबूजे के बीज आदि को आप अपने सलाद, स्मूथी, फ्रूट चाट या खाने बीच में या चाय के साथ आदि तरीकों से ले सकते है, तेल के लिए आप सरसो, जैतून, सूरजमुखी, कनोला, तिल, नारियल, घर का बना सफेद मक्खन आदि अपने खाने में शामिल करें।
विटामिन डी-
इस समस्या में हड्डियों के पतले एवं कमजोर होने के काफी हद तक आसार होते है तो ऐसे भोज्य पदार्थों का सेवन करें जिनमे विटामिन डी प्रचुर मात्रा में हो। इनके लिए मशरूम, अण्डे का पीला भाग, फिश लिवर आयल का सेवन करें। इसके साथ ही धूप में बैठने की आदत डालें । लेकिन प्राकृतिक स्त्रोतों में में विटामिन डी काफी कम मात्रा में होता है तो समय समय पर विटामिन डी का टेस्ट करा के सप्लीमेंट लेते रहें।
हड्डियों की मजबूती के लिए लें कैल्शियम-
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी के साथ कैल्शियम की भी आवश्यकता होती है। कैल्शियम के लिए दूध एवं दूध से बनी चीजें, अंडा, रागी, सोयाबीन से बनी चीजें, संतरा, चिकन, मछली आदि अपने खाने में उपयोग कर सकें।
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थाइरोइड में आवश्यक है सेलेनियम-
सेलेनियम थायराइड हार्मोन के स्तर को संतुलित करने और आपके थायरॉयड को बीमारी से बचाने में मदद करते है, ये चिया सीड्स, मशरूम, चाय, दलिया, चिकन, सूरजमुखी के बीज आदि में ये भरपूर मात्रा में होते हैं। इनको आप सलाद, स्मूथी में डाल कर या भून कर भी खा सकते हैं।
थायराइड अधिक हो तो खाएं ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ -
ओमेगा-3 फैटी हाइपरथाइरॉइडिस्म को नियंत्रित करने में बहुत उपयोगी है। आप इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि मानव शरीर अपने आप पोषक तत्व का उत्पादन नहीं कर सकता है, इसलिए आपको भोजन के साथ-साथ पूरक आहार की आवश्यकता होती है। ये शरीर में थायराइड के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा स्त्रोत है। लेकिन शाकाहारी लोग ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए जैतून का तेल और अलसी के बीज खा सकते हैं।
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थायराइड अधिक हो तो खाएं डेरी प्रोडक्ट -
हाइपर्थाइराइडिज्म की समस्या का इलाज भले ही दवाई के माध्यम से किया जा रहा हो लेकिन हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। इसलिए डेरी उत्पादों को खाना चाहिए। डेरी उत्पाद में दूध, पनीर और दही कैल्शियम के बेहतर स्त्रोत हैं। इसके अलावा जिन लोगों को लैक्टोज से एलर्जी है वो लोग सोया मिल्क या बादाम का दूध इस्तेमाल कर सकते है
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थायराइड अधिक हो तो ये सब्जियाँ जरूर खाएं -
हाइपरथाइरॉइडिस्म की समस्या में कुछ सब्जियां फायदेमंद होती हैं। सब्जियां जैसे फूल गोभी और ब्रोकली थायराइड हार्मोन्स के उत्पादन को कम करती हैं और हाइपरथाइरॉइडिस्म लक्षणों को भी कम करते हैं। जिन लोगो को थायराइड अधिक होता है, उन लोगों को कम से कम एक बड़े चम्मच ब्रोकली की सब्जी रोजाना खाना चाहिए।
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