गर्भावस्था के 22वें सप्ताह के दौरान मां में कई बाहरी परिवर्तन होते हैं। जैसे जैसे आपकी गर्भावस्था दूसरी तिमाही के मध्य या अंत की ओर बढ़ती है, आपमें और बच्चे में भी तेजी से विकास होता है। इस समय तक आपको अधिकतर गर्भावस्था के लक्षण महसूस होना बंद हो जाते हैं। हालांकि, नए लक्षण जैसे दर्द आदि अभी भी महसूस होते हैं लेकिन अधिक परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

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  1. 22वें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव - Body changes during week 22 in Hindi
  2. बाईसवें हफ्ते की गर्भावस्था में शिशु का विकास - Baby development in 22nd week of pregnancy in Hindi
  3. बाईसवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड - Ultrasound in 22 weeks pregnancy in Hindi
  4. 22वें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स - Tips for 22 weeks pregnancy in Hindi
  5. प्रेगनेंसी के बाईसवें हफ्ते की डाइट - Diet for 22 week pregnancy in Hindi

इस सप्ताह में आपका वजन बढ़ा हुआ दिखाई देने लगेगा। आपकी कमर बढ़ने के साथ साथ आपका वज़न भी हर हफ्ते लगभग आधा ग्राम बढ़ सकता है। यदि पिछले हफ्ते तक आपका वज़न लगभग 6.8 किलो बढ़ गया है और आप स्वस्थ और संतुलित आहार खा रही हैं, तो अब से हर हफ्ते आधा ग्राम वज़न बढ़ने की सम्भावना अधिक हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने और कम होने के सम्बन्ध में अपने डॉक्टर से बात करें क्योंकि प्रत्येक महिला की शारीरिक संरचना अलग होती है और प्रेगनेंसी में वैसे भी वजन घटता बढ़ता रहता है।

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दुर्भाग्यवश कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के लक्षणों का अनुभव होना बंद नहीं होता और वे पूरी प्रेगनेंसी के दौरान ख़त्म नहीं होते। अधिकांश महिलाओं में ये कुछ कम ज़रूर हो जाते हैं। इस स्तर पर सभी महिलाओं में रक्त प्रवाह में वृद्धि की वजह से योनिस्राव होना सामान्य है। आप संभवतः इस समय अपने बच्चे की गतिविधियां दिन में अधिक बार महसूस कर सकती हैं।

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आपके बच्चे की लम्बाई इस हफ्ते 11 इंच हो जाती है और वज़न में पिछले सप्ताह से सिर्फ आधे ग्राम की ही बढ़ोतरी होती है। आकार में वो स्पेगेटी स्क्वैश (Spaghetti squash- स्क्वैश के पेड़ में लगने वाला अंडाकार अकार का पीला फल) जैसा होता है। वसा ऊतकों की कमी के कारण वह अभी भी बहुत पतला होता है, लेकिन जल्द ही वो ठीक हो जाएगा। त्वचा पर अभी भी लैन्यूगो (Lanugo) अर्थात गर्भ में बच्चे के शरीर पर आने वाले बाल या गर्भरोम मौजूद होते हैं  लेकिन अंदरूनी अंग तेजी से बढ़ रहे होते हैं। उसकी पलकें और भौहें अलग अलग हो जाती हैं। यहां तक कि उसकी आंखें भी पूर्ण रूप से विकसित हो जाती हैं लेकिन आँख की पुतली अभी पूरी तहर से विकसित नहीं हुई होती है।

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शिशु का लिवर विभिन्न प्रकार के एंजाइम का उत्पादन शुरू कर देता है जो लाल रक्त कोशिकाओं के बढ़ने के लिए आवश्यक होते हैं। भ्रूण की लाल रक्त कोशिकाओं की उम्र कम होती है अर्थात वे जल्दी समाप्त हो जाती हैं, इसलिए भ्रूण में बिलीरूबिन (Bilirubin- रक्त को लाल रंग देने वाला वर्णक) का अधिक उत्पादन होता है।

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मस्तिष्क से मिलने वाली संवेदनाएं भी विकसित होने लगती हैं। बच्चा, स्पर्श को पहचानना सीख जाता है। वह अपने चेहरे, गर्दन, धड़ और पैरों को रगड़ना भी शुरू कर देता है। यदि आपके गर्भ में पल रहा बच्चा लड़की है तो उसमें गर्भाशय, अंडाशय और अंडकोशिकाओं (egg cells) का पूरी तरह से निर्माण हो जाता है।

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इस सप्ताह के अल्ट्रासाउंड टेस्ट में बच्चे की आँखें और होंठ अधिक विकसित दिखाई देते हैं। शिशु दिन में लगभग 12 से 14 घंटे सोने लगता है अर्थात इस बीच आप किसी भी किक या गतिविधि को महसूस नहीं करेंगी।

18 से 22 सप्ताह की प्रेगनेंसी के अल्ट्रासाउंड, आपको बच्चे के सभी प्रमुख अंगों और अन्य शरीर की झलक दिखा देते हैं। आप इस समय आनुवांशिक परीक्षण भी करा सकती हैं जिससे बच्चे में इसके स्थानांतरित होने की संभावना पता लगायी जा सके।

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जैसे जैसे प्रेगनेंसी का 22वां हफ्ता शुरु होता है लोग आपको देखकर पहचानने लगेंगे कि आप गर्भवती हैं। बहुत से लोग बिना कुछ सोचे या बिना आपसे पूछे, आपके पेट को छूने की कोशिश करेंगे। कुछ महिलाओं को इससे कोई दिक्कत नहीं होती लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस कारण असहज महसूस करती हैं क्योंकि कुछ पारिवारिक सदस्यों या दोस्तों को मना करना भी अच्छा नहीं लगता लेकिन आपको ऐसा करना सीखना होगा क्योंकि ऐसा न करने से आपका मन नाखुश और अशांत रहेगा जो बच्चे के लिए हानिकारक होता है।

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इस समय सभी पोषक तत्वों सेवन करें। आपको विभिन्न प्रकार के फलोंकार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, विटामिन ए का भी सेवन करें।

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  1. विटामिन ए आँखों के लिए ज़रूरी होता है और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। विटामिन ए के लिए अपने दैनिक आहार में अंडे की जर्दी, मक्खन और दूध को शामिल करें।
  2. विटामिन ए के भी अच्छे स्रोतों में बीटा कैरोटीन भी पाया जाता है। उसके लिए गाजर, शकरकंद, पपीते और संतरों का सेवन करें। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)
  3. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखें क्योंकि यह समय से पूर्व प्रसव की संभावना को कम करता है।
  4. तरबूज का रसचुकंदरअंजीर और गाजर का रस पिएं। (और पढ़ें - गर्भावस्था में ये हेल्दी जूस हैं काफी फायदेमंद)
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