गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाएं अपनी सेहत को लेकर किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहतीं। यही वजह है कि कुछ भी खाने या पीने से पहले वह कई बार सोचती हैं कि कहीं उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर इसका कोई बुरा असर तो नहीं होगा। इसकी एक वजह ये भी है कि गर्भवती महिलाओं को हर वक्त घर से लेकर बाहर तक हर कोई कुछ न कुछ सलाह देता रहता है कि उन्हें क्या करना चाहिए, क्या नहीं, क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। इस वजह से भी कई बार गर्भवती महिलाओं के मन में कुछ चीजों को लेकर कन्फ्यूजन रहती है कि उन्हें उसे खाना चाहिए या नहीं। ऐसी ही कन्फ्यूजन लीची को लेकर भी रहती है। 

वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स गर्भवती महिला को कई तरह के फलों का सेवन करने की सलाह देते हैं। फलों में मौजूद पोषक तत्व गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे उनके बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि सभी तरह के फल गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होते हैं। खासकर मौसमी फल और उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) फल जो सिर्फ किसी विशेष सीजन में ही आते हैं।

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अगर आप गर्मी के मौसम में प्रेगनेंट हैं तो जाहिर सी बात है कि लीची का मौसम चल रहा है और अगर लीची आपका पसंदीदा फल है तो आपको भी लीची खाने की प्रबल इच्छा (क्रेविंग) महसूस हो रही होगी। लेकिन क्या प्रेगनेंसी के दौरान आपको लीची का सेवन करना चाहिए? हम आपको इस आर्टिकल में इसी बारे में बता रहे हैं कि गर्भावस्था में लीची खाना सुरक्षित है या नहीं और प्रेगनेंसी में लीची खाने के फायदे और नुकसान क्या क्या हैं।

  1. क्या प्रेगनेंसी में लीची खाना सेफ है? - Is litchi safe during pregnancy in hindi
  2. प्रेगनेंसी में लीची खाने के फायदे - Pregnancy me litchi khane ke fayde
  3. गर्भावस्था में लीची खाने के नुकसान - Garbhavastha me litchi khane ke nuksan

वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान लीची खाना सुरक्षित माना जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप सीमित मात्रा में लीची का सेवन करें और अगर बहुत ज्यादा क्रेविंग हो रही हो तब भी लीची बहुत ज्यादा न खाएं। साथ ही जहां तक संभव हो ताजी लीची का ही सेवन करें। इसके अलावा वैसे तो लीची खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है लेकिन लीची खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज यानी गर्भवास्था के दौरान होने वाली डायबिटीज का खतरा रहता है। साथ ही कई बार लीची के सेवन से इंफेक्शन भी हो सकता है। लिहाजा अपनी डॉक्टर या डायटिशियन से सलाह मशविरा लेने के बाद ही प्रेगनेंसी में लीची का सेवन करें।

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एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन सी, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, फाइटोन्यू्ट्रिएंट फ्लैवनॉयड्स, फाइबर आदि से भरपूर लीची वैसे तो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। लेकिन गर्भावस्था में लीची खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, जानें।

इम्यूनिटी मजबूत बनाती है लीची - Immunity badhati hai litchi

लीची में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है तो शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है जिससे सामान्य सर्दी-जुकाम से लड़ने में मदद मिलती है। प्रेगनेंसी के दौरान मां और बच्चे दोनों की सेहत बनी रहे इसके लिए गर्भवती महिला की इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर रखना जरूरी है।

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कब्ज दूर कर पाचन में मदद करती है लीची - Kabz door karti hai litchi

गर्भावस्था के दौरान बहुत सी महिलाओं को कब्ज और पेट साफ न होने की दिक्कत हो जाती है। अगर आपको भी इस तरह की कोई दिक्कत हो तो आप लीची का सेवन कर सकती हैं। लीची में पानी और फाइबर दोनों भरपूर मात्रा में होता है जिससे पाचन मजबूत बनता है और कब्ज की दिक्कत दूर हो जाती है।

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खून का संचार होता है बेहतर - Blood circulation sahi karti hai litchi

विटामिन सी आयरन को अवशोषित करने के लिए भी जरूरी होता है जिससे शरीर में खून का संचार नियंत्रित होता है। साथ ही आयरन, खून में हीमोग्लोबिन के सामान्य लेवल को मेनटेन रखने में भी मदद करता है ताकि गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की समस्या न हो। लिहाजा विटामिन सी से भरपूर लीची का सेवन इस मामले में भी फायदेमंद है।

शरीर में नहीं होती पानी की कमी - Litchi se pani ki kai nhi hoti

लीची के फल में भरपूर मात्रा में पानी भी होता है जो गर्मी के मौसम से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के साथ ही शरीर को अंदर से ठंडा रखने में भी मदद करता है। ऐसे में लीची खाने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती।

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एनर्जी देती है लीची - Energy deti hai litchi

लीची में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स पाया जाता है जो गर्भवती महिला को दिन भर ऊर्जा से भरपूर रखने में मदद करता है और बेवजह की थकान महसूस नहीं होती। साथ ही लीची खाने से जी मिचलाने और उल्टी आने की समस्या भी दूर होती है जो ज्यादातर गर्भवती महिलाओं के बीच बेहद कॉमन है।

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कई बार लीची खाने से गर्भवती महिला को कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।

  • लीची की तासीर हल्की गर्म होती है इसलिए गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा लीची खाने से शरीर में गर्मी बढ़ने का खतरा रहता है जिससे प्रेगनेंसी में कई तरह की जटिलताएं होने का खतरा रहता है। इसके अलावा नाक से खून आना और मुंह में छाले जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं।
  • लीची एक बेहद मीठा फल है और इसे खाने पर खून में शुगर का लेवल अचानक बढ़ जाता है जिससे गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज का भी खतरा रहता है।
  • अगर कोई गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ज्यादा लीची का सेवन करे तो इससे स्टिलबर्थ यानी गर्भ में ही बच्चे के मरने का खतरा अधिक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भ में पल रहे बच्चे में लीची खाने से कई तरह के इंफेक्शन का खतरा रहता है। लिहाजा प्रेगनेंसी के दौरान और वैसी महिलाएं जो बच्चे को अपना दूध पिलाती हैं वे लीची का सेवन ना ही करें तो बेहतर होगा।
  • लीची खाने से बहुत से लोगों के शरीर में एलर्जी से जुड़ी प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल सकती हैं इसलिए अगर आपको लीची से एलर्जी हो तो आपको पूरी तरह से इसके सेवन से बचना चाहिए।

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कई बार यह देखने में आता है कि एक फल जो किसी एक महिला के लिए हेल्दी होता है वह दूसरे के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। कुछ ऐसा ही लीची के साथ भी है। लिहाजा प्रेगनेंसी के दौरान एक्सट्रा अलर्ट रहें और लीची या इस तरह के किसी भी फल या खाद्य पदार्थ को लेकर मन में शंका हो तो अपने डॉक्टर या डायटिशियन से सलाह लेने के बाद ही उसका सेवन करें।

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