कैंडिडा इन्फेक्शन क्यों होता है?
कुछ प्रकार के फंगल इन्फेक्शन फंगी के कारण होते हैं, जो आमतौर पर बाल, नाखून और त्वचा की ऊपरी सतह पर जीवित रहते हैं। आमतौर पर आपकी त्वचा शरीर में संक्रमण होने से बचाव करने का काम करती है। हालांकि यदि त्वचा में कोई खरोंच या चोट आदि लगने के कारण त्वचा की ऊपरी सतह फट गई है, तो फंगस त्वचा के अंदर चले जाते हैं और इन्फेक्शन पैदा कर देते हैं।
जब स्थिति व तापमान कैंडिडिआसिस के अनुकूल होता है, तो वह रोगजनक बन जाता है या रोग पैदा करने में सक्षम हो जाता है। गर्म व नम तापमान, ठीक से सफाई ना होना या अधिक तंग कपड़े पहनना आदि स्थितियां ये समस्या पैदा कर देती हैं।
कैंडिडा इन्फेक्शन शरीर के किसी भी क्षेत्र में विकसित हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह त्वचा के उन क्षेत्रों में विकसित होता है जहां पर एक हिस्से की त्वचा दूसरे हिस्से की त्वचा को छूती या उससे रगड़ खाती है। इन क्षेत्रों में कांख व जांघ जैसे क्षेत्र व अन्य क्षेत्र जहां पर त्वचा में सिलवटें पड़ती हैं जैसे हाथों व पैरों के बीच की त्वचा। फंगस आमतौर पर नम, गर्म व अधिक पसीने वाली जगहों में तेजी से बढ़ने लग जाते हैं।
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कैंडिडा इन्फेक्शन होने का खतरा कब बढ़ता है?
सामान्य स्थितियों में आपकी आंत में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया कैंडिडा के स्तर को सामान्य स्तर पर रखते हैं। हालांकि निम्नलिखित कुछ कारक हैं, जिनमें कैंडिडिआसिस सामान्य सीमा से अधिक संख्या में विकसित हो जाते हैं:
- एंटीबायोटिक, इस दवा से कई बार आंतों में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया भी मर जाते हैं
- अत्यधिक मात्रा में रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट्स लेना, खासकर चीनी
- अत्यधिक मात्रा में शराब पीना
- अधिक मात्रा में खमीर वाले खाद्य (फर्मेंटेड) पदार्थों को खाना
- अत्यधिक तनाव महसूस होना
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जोखिम कारकों के अलावा कुछ अन्य स्थितियां भी हैं, जिनके कारण यीस्ट इन्फेक्शन होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। निम्नलिखित स्थितियों में कैंडिडा इन्फेक्शन होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं:
- शिशु
- सूजन व लालिमा जैसे विकारों से ग्रस्त लोग
- वे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई हो (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)
- नम या गीली जगह पर कम करने वाले लोग
- वे लोग जिनका वजन अधिक बढ़ा हुआ है (और पढ़ें - वजन कम करने का तरीका)
- डायबिटीज से ग्रस्त लोग (और पढ़ें - डायबिटीज डाइट)
- हाइपोथायरायडिज्म के मरीज
- गर्भवती महिलाएं, इत्यादि।
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कुछ प्रकार की दवाएं भी हैं, जो इस तरह के फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ा देती हैं। स्टेरॉयड क्रीम इनमें सबसे मुख्य दवाएं हैं, जो कैंडिडा इन्फेक्शन जैसी समस्याएं पैदा कर देती हैं, लेकिन कुछ प्रकार की गर्भनिरोधक गोलियां भी संभावित रूप से इसका कारण बन सकती हैं। यदि आप इस तरह की कोई दवा लेते हैं, तो आपको नियमित रूप से त्वचा पर कैंडिडा संक्रमण के संकेतों की जांच करते रहना चाहिए।
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