गर्भावस्था का समय महिलाओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। इस समय महिलाओं में शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह के बदलाव होते हैं। इन बदलावों के कारण ही महिलाओं के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता प्रभावित होती है। जिसकी वजह से उनके शरीर में कई तरह के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इन समस्याओं में सर्दी-जुकाम और खांसी होना भी एक आम बात है। सामान्यतः सर्दी-जुकाम और खांसी होने पर लोगों के द्वारा खुद ही इसको दूर करने के लिए दवा ले ली जाती है, लेकिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की दवा को बिना डॉक्टरी सलाह के लेने से बचना चाहिए। गर्भावस्था के समय सर्दी-जुकाम और खांसी के बारे में आगे आप जानेंगे कि यह समस्या क्यों होती है, इसके लक्षण क्या है, क्या इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई असर पड़ता है और प्रेग्नेंसी में सर्दी-जुकाम और खांसी का उपचार कैसे किया जा सकता है।

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  1. गर्भावस्था में सर्दी जुकाम और खांसी के लक्षण - Garbhavastha me sardi jukam aur khansi ke lakshan
  2. प्रेग्नेंसी में सर्दी जुकाम और खांसी के कारण - Pregnancy me sardi jukam aur khansi ke karan
  3. क्या प्रेग्नेंसी में सर्दी जुकाम और खांसी से बच्चे पर प्रभाव पड़ता है? - Kya pregnancy me sardi jukam aur khansi se bache par prabhav padta hai
  4. गर्भावस्था में सर्दी जुकाम और खांसी का इलाज - Garbhavastha me sardi jukam aur khansi ka ilaj
  5. प्रेग्नेंसी में सर्दी जुकाम और खांसी से बचाव - Pregnancy me sardi jukam aur khansi se bachav

प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्यतः गले में कफ या खराश के बाद ही सर्दी जुकाम की समस्या शुरू होती है। यह समस्या महिलाओं को दो से तीन सप्ताह तक परेशान कर सकती है। अकसर गले में खराश होने के पश्चात सर्दी जुकाम होता है। इस दौरान फ्लू या सर्दी जुकाम की समस्या को सही तरह से पहचान पाना में मुश्किल होता है। इस समय होने वाले सर्दी-जुकाम और खांसी में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। नीचे जानते हैं कि गर्भावस्था में सर्दी जुकाम होने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं।

इसके साथ ही आपको हल्का बुखार और सिर दर्द भी हो सकता है। जबकि, फ्लू में तेजी से बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, पसीना आना और थकान सी महसूस होती है। अगर आपको इन दोनों ही स्थितियों को पहचान पाने में मुश्किल हो रही हो, तो आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में परामर्श लेना चाहिए।

(और पढ़ें - गर्भवस्था में सिरदर्द का इलाज)

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प्रेग्नेंसी में सर्दी-जुकाम और खांसी होने के पीछे करीब 200 प्रकार के वायरस (विषाणु) जिम्मेदार होते हैं। इसके लक्षण गर्भवती महिला में अधिकतम तीन सप्ताह तक होते हैं। इस समस्या में आप एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कर सकती हैं। कई मामलों में गले में संक्रमण, साइनस, कान और सीने का संक्रमण आपके सर्दी जुकाम का कारण हो सकता है। इस तरह की परेशानी होने पर आपको अपने डॉक्टर से मिलकर सही दवा का सेवन करना चाहिए।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में होने वाली परेशानी)

प्रेग्नेंसी में सर्दी-जुकाम और खांसी होने पर महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि कहीं इससे उनके बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई हानिकारक प्रभाव तो नहीं होगा। इस बारे में विशेषज्ञ बताते हैं कि सामान्य तरह के सर्दी-जुकाम से गर्भ में पलने वाले बच्चे पर किसी भी तरह का हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान सर्दी-जुकाम होना एक आम समस्या है। आमतौर पर गर्भावस्था के समय महिलाओं को दो से तीन बार सर्दी जुकाम और खांसी की समस्या हो सकती है। यदि गर्भवती महिला के आसपास रहने वाले किसी व्यक्ति को सर्दी जुकाम हो, तो उनको भी सर्दी जुकाम होने की संभावना बढ़ जाती है। 

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गर्भावस्था में सर्दी जुकाम और खांसी का इलाज करने के लिए आप दवाओं या घरेलू उपायों में से किसी को भी आजमां सकती हैं। वैसे तो सर्दी जुकाम को सही करने के लिए कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन आपको इन दवाओं को लेने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में पूछ लेना चाहिए। इन दवाओं में मौजूद तत्व गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। नाक को खोलने वाली दवाएं नसों के मार्ग को कम करने का काम करती हैं। जिससे बंद या बहती नाक में राहत मिलती है। मगर इस तरह की दवाओं के सेवन से गर्भनाल की नसों में सिकुड़न भी आ सकती हैं।  

प्रेग्नेंसी में सर्दी जुकाम और खांसी के घरेलू उपाय

  • नींबू पानी के सेवन से आप सर्दी जुकाम और खांसी में राहत पा सकती हैं। इसको इस्तेमाल करते समय आप नींबू और शहद के पानी में अदरक के रस की भी कुछ बूंदे मिला सकती हैं।  दरअसल, नींबू में विटामिन सी के गुण मौजूद होते हैं, जो सर्दी जुकाम को कम करने का काम करते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में नींबू का सेवन करने से भी आपको परहेज करना चाहिए। (और पढ़ें - नींबू के रस के फायदे)
  • सर्दी जुकाम होने पर यदि गर्भवती महिला की नाक बंद हो जाए और सांस लेने में परेशानी हो, तो उनको एक बड़े बर्तन में गर्म पानी लेना चाहिए। इसके बाद तौलिये या किसी बड़े कपड़े से सिर के पीछे के हिस्से को ढ़कते हुए भाप को सांस के जरीए अंदर लेने की कोशिश करनी चाहिए। इतना ही नहीं यदि आपको जल्द आराम चाहिए हों, तो आप डॉक्टरी सलाह से गर्म पानी में थोड़ा नाक खोलने वाला बाम भी डाल सकती हैं। (और पढ़ें - खांसी में क्या खाएं)
  • सर्दी जुकाम होने पर जूस, पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इससे सर्दी जुकाम के समय शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। (और पढ़ें - गर्भावस्था में फायदेमंद जूस)
  • इस तरह की समस्या में संतुलित आहार का सेवन करना बेहद उपयोगी माना जाता है। एक बार में अधिक भोजन करने की अपेक्षा थोड़ा-थोड़ा भोजन एक से अधिक बार खाने की आदत डालें। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)
  • चाय पीने से भी सर्दी जुकाम में राहत मिलती हैं। इस समस्या में आप पुदीने और तुलसी के पत्तों की चाय का सेवन कर सकती हैं, लेकिन इस चाय को पीने की मात्रा के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह कर लेना आवश्यक है। (और पढ़ें - हर्बल चाय के फायदे)
  • गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या होने पर आप हल्के गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे करें। इससे आपके गले को आराम मिलेगा।

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गर्भावस्था के दौरान होने वाले बदलावों के कारण वायरस या बैक्टीरियल संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में गर्भवती महिला को कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। जिससे वह किसी भी तरह के संक्रमण और वायरस से अपना बचाव कर सकती हैं। प्रेग्नेंसी में सर्दी-जुकाम और खांसी से बचाव करने के उपाय नीचे बताए जा रहें हैं।

  • सर्दी जुकाम की समस्या एक व्यक्ति से दूसरे तक आसानी से फैल जाती है। इसीलिए यदि आपके आसपास किसी व्यक्ति को सर्दी जुकाम हो, तो आप उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखें। (और पढ़ें - सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय)
  • सर्दी जुकाम वाले व्यक्ति के द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का प्रयोग करने से भी गर्भवती महिला को सर्दी-जुकाम और खांसी होने की संभावना बढ़ जाती है। (और पढ़ें - गर्भवती महिला के लिए भोजन)
  • प्रेगनेंसी के दौरान घर से बाहर जाने पर बार-बार अपने हाथों को नाक पर लगाने से बचना चाहिए। इससे भी आपको सर्दी जुकाम होने का खतरा रहता है।
  • बाहर से आने पर या किसी भी तरह की धूल या मट्टी वाली चीज को छूने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में क्या करें)
  • इस समस्या में पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। पौष्टिक आहार से रोग प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है और आप बाहरी संक्रमण से सुरक्षित रहती हैं।
  • प्रेग्नेंसी में थकान होने पर आराम करें और भरपूर नींद लें। इस समय थकान से भी शरीर जल्द ही संक्रमण की चपेट में आ सकता हैं। (और पढ़ें - गर्भावस्था के थकान का उपचार)
  • गर्भावस्था के समय किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए आपको रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए। (और पढ़ें - गर्भावस्था में एक्सरसाइज)
  • गर्भावस्था में यदि आप धूम्रपान करती हैं, तो इसको तुरंत छोड़ देना ही आपके लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि धूम्रपान रोग प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करता है। साथ ही इससे गर्भ में पलने वाले बच्चे पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है। (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)

नोट- गर्भावस्था के समय आपको किसी भी तरह का घरेलू उपाय या दवा को लेने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए। प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह की लापरवाही आपके गर्भ में पलने वाले बच्चे को हानि पहुंचा सकती है।

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