स्तंभन दोष को आयुर्वेद में क्लैब्य कहा गया है। इसमें पुरुषों को यौन संबंध बनाने के लिए लिंग में उत्तेजना पाने या उत्तेजना को बनाए रखने में समस्या आती है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का मतलब पुरुषों में नपुंसकता से होता है। पुरुषों को ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। तनाव, ब्लड प्रेशर से संबंधित समस्याएं या डायबिटीज की वजह से स्तंभन दोष हो सकता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के पारंपरिक इलाज में विभिन्न नरम मांसपेशियों को आराम दिया जाता है एवं आवश्यकता होने पर मनोचिकित्सा और तनाव को नियंत्रित करने वाली प्रक्रियाओं के साथ टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन दिए जाते हैं।
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क्लैब्य को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेद में विरेचन (मल त्याग की विधि) और उत्तरा बस्ती (एक प्रकार की बस्ती) की सलाह दी जाती है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में अश्वगंधा, गोक्षुरा, शिलाजीत, च्यवनप्राश जैसी जड़ी बूटियों और औषधियों में अश्वगंधा लेह, दशमूलारिष्ट, सुकुमार घृत एवं शतावर्यादि घृत से क्लैब्य का उपचार किया जाता है।
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