क्या है क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज?

यह एक फेफड़ों से सम्बन्धित बीमारी है। इसमें साँस नाली में नाक से फेफड़ों के बीच सूजन हो जाती है जिससे ऑक्सीजन की पूर्ति नहीं हो पाती है । इस समस्या में लम्बे समय से बलगम के साथ या बिना बलगम के खांसी होना, गले एवं सीने में घरघराहट, सांस की कमी महसूस होना, शारीरिक श्रम करने पर अधिक थक जाना एवं साँस में तकलीफ होना, छाती में जकड़न, पैरों में सूजन आदि के लक्षण देखे जाते हैं। 

इस समस्या में हम ऐसा आहार लेना ज़रूरी होता है जिससे पोषण की सभी ज़रूरतों को तो पूरा किया जा सके लेकिन श्वांस को भी ठीक रखा जा सके। तो आइए जानते हैं सीओपीडी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, यानी सही सीओपीडी डाइट क्या है।

(और पढ़ें - COPD का इलाज)

 
  1. सीओपीडी में क्या खाएं - COPD me kya khana chahiye
  2. सीओपीडी में क्या न खाएं - COPD me kya nahi khana chahiye
  3. सीओपीडी डाइट पर अन्य सुझाव - Other important COPD diet tips in Hindi
COPD में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाएं और आहार के डॉक्टर

सीओपीडी में सही आहार लेने से इस समस्या को मैनेज करने में मदद मिलती है। ऐसे ही कुछ आहार और सीओपीडी डाइट के बारे में यहाँ बताया गया है। तो आइए जानते हैं कि सीओपीडी में क्या खाना चाहिए।

 

छोटे-छोटे आहार लें - Small and frequent meals important in Hindi

इस समस्या में हम देखते हैं कि यदि हम ज्यादा मात्रा में भोजन एक बार में ग्रहण करते हैं तो ऐसे में साँस लेने मे तकलीफ होती है क्योंकि हमारा पेट डायफ्राम के नीचे स्थित होता है, यदि हम ज्यादा मात्रा में भोजन लेते हैं डायफ्राम एवं फेफड़ों पर दबाव पड़ता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। इसके साथ ही इस आदत से गैस एवं ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की समस्या भी ठीक होती है अतः पूरे दिन के आहार को छोटे छोटे भागों में बाँट दें।

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पानी है बहुत आवश्यक - Importance of water in COPD in Hindi

पानी हाइड्रेशन के साथ साथ, म्यूकस को पतला कर के निकालने में में भी मदद करता है, पानी का तापमान सामान्य या गुनगुना होना चाहिए। पूरे दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।

(और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी के लक्षण)

आवश्यक विटामिन्स एवं मिनरल्स - Important vitamins and minerals in COPD in Hindi

इस समस्या में लम्बे समय तक स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल के कारण शरीर में कैल्शियम, विटामिन डी एवं पोटैशियम की कमी हो जाती है, इस कारण भोजन में इनकी मात्रा ठीक रखना आवश्यक है-

  1. कैल्शियम के लिए- दूध व दूध से बनी चीजें, रागी, संतरे का जूस, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडा आदि का इस्तेमाल करें।

  2. विटामिन डी के लिए- मशरूम, फैटी फिश आयल का सेवन कर सकते हैं। धुप में बैठना भी एक उपाय है। किन्तु इन सब में विटामिन डी मात्रा काफी कम होती है, इसलिए डॉक्टर से पूछ कर इसका सप्लीमेशन भी कर सकते हैं।

  3. पोटैशियम के लिए- पोटैशियम फेफड़ों को सही तरीके से कार्य करने में मदद करता है किन्तु स्टेरॉइड्स के कारण शरीर में इनकी कमी हो जाती है। इसके लिए अपने आहार में नारियल, नीम्बू, संतरा, आलूबुखारा, खरबूजा, टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि का नियमित रूप से सेवन करे।

    (और पढ़ें - कैल्शियम की कमी के लक्षण)

एंटी ऑक्सीडेंट्स को शामिल करें - Add antioxidants in your diet in Hindi

एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को संक्रमण से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।  इसके लिए अपने आहार में हल्दी, अदरक, लहसून, दालचीनी, लौंग, ग्रीन टी, लाल व पीले फल एवं सब्जियां जैसे पपीता, सेब, आड़ू, चकोतरा, गाजरकद्दू और रसेदार फल जैसे नींबू, संतरा, आंवला आदि शामिल करें। 

(और पढ़ें - आंवला का मुरब्बा खाने के फायदे)

कार्बोहायड्रेट की मात्रा कम ही रखें - Keep carbohydrate intake low in hindi

चूँकि कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा देने वाले मुख्य स्रोतों में से एक है लेकिन इसके चयापचय के बाद शरीर में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है जो सी ओ पी डी की समस्या को और बढ़ा देता है अतः भोजन में कार्बोहायड्रेट की मात्रा कम ही रखेंगे। इसके लिए अपने आहार में चोकर वाली या मिक्स्ड ग्रेन ( गेहूं, जौ, बाजरा, चना, सोयाबीन) की रोटी, होलवीट ब्रेड, भूरे चावल, सब्जियों में- लौकी, तोरई, भिंडी, टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि खाएं, फलों में सेब, संतरा, मौसमी, पपीता, खरबूजा आदि आसानी से खा सकते है। कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से परहेज करें।

(और पढ़ें - मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपाय)

आहार में प्रोटीन ज्यादा रखें - Take protein in your diet in Hindi

अपनी थाली में से सबसे पहले प्रोटीन वाली चीजें खाएं। प्रोटीन शरीर में मांसपेशियों, उत्तकों के मरम्मत का कार्य करता है, हार्मोन्स को कार्य करने में मदद करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाये रखता है, इसके साथ सी ओ पी डी में ये ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत होता है। इसके लिए अपने आहार में कम वसा युक्त दूध व उनसे बनी दही एवं पनीर, दालें, अंकुरित मूंग, नट्स, अंडा, चिकन, मछली आदि अवश्य शामिल करें। 

(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)

सीओपीडी में जितना ज़रूरी है जानना कि क्या खाना चाहिए, उतना ही ज़रूरी यह जानना भी है कि क्या नहीं खाना चाहिए। ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में यहाँ बताया गया है। तो आइए जानते हैं कि सीओपीडी में क्या नहीं खाना चाहिए।

 

म्यूकस बनाने वाले भोज्य पदार्थ न लें - Avoid mucus-causing food in Hindi

कुछ लोगो में दूध या दूध बानी चीजों से बलगम या म्यूकस ज्यादा बनने की समस्या देखी गयी है, आप भी इन पदार्थों के साथ अपनी स्थिति का निरीक्षण करें। यदि इससे समस्या होती है तो इसे बंद कर के बादाम का दूध या सोया दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनके अलावा लाल मांस, आइसक्रीम, मक्खन, सफ़ेद ब्रेड, पास्ता, केला, मिठाईयां, चाय, सोडा, शराब आदि के सेवन से भी म्यूकस बनने की समस्या देखी जाती है, इनका प्रयोग अपने लक्षणों के अनुसार ही करें।

(और पढ़ें - शराब छुड़ाने के उपाय)

गैस पैदा करने वाला भोजन कम से कम लें - Reduce intake of gas-producing foods in Hindi

ब्लोटिंग एवं गैस के कारण साँस लेने में तकलीफ देखी जाती है। इसलिए गैस उत्पन्न करने वाले पदार्थों का उपयोग कम से कम करें। इसके लिए- बीन्स, फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली, शिमला मिर्च, मटर, मक्का आदि का उपयोग कम से कम करें। इसके साथ ही दो आहारों में देर ना करें। 

(और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत के कारण)

ना लें जरूरत से ज्यादा नमक - Avoid excess of salt in Hindi

आवश्यकता से ज्यादा नमक के कारण शरीर में पानी का संग्रहण हो जाता है, इसके कारण श्वांस लेने में तकलीफ हो सकती है, इसलिए खाने में ऊपर से नमक, अचार, पापड़, कैच अप, सॉस, नमकीन, चिप्स आदि के प्रयोग से बचें। इसके साथ ही भरपूर मात्रा में पानी पीएं।

सीओपीडी में आहार और जीवनशैली से जुड़ी कुछ अन्य टिप्स:

  • भोजन के पहले एवं बाद में थोड़ा आराम करें जिससे ऊर्जा भी बचेगी एवं इससे साँस लेने में तकलीफ़ नहीं होगी।
  • चाय, कॉफ़ी, कोक, पेप्सी एवं अन्य कैफीन युक्त पदार्थों का कम से कम करें। कैफीन युक्त पदार्थ इस समस्या में लिए जाने वाले दवाओं के कार्य में हस्तक्षेप करते हैं अतः इनके प्रयोग से बचें। 
  • इस समस्या में शाम तक थकान हो जाने की समस्या देखी जाती है, ऐसे में कोशिश करें की ज्यादातर आहार की आपूर्ति सुबह के समय में कर लें।
  • धूम्रपान को जल्द से जल्द रोकें।
  • धूल एवं रासायनिक गैस वाली जगहों से दूर रहें, यदि ऐसी जगहों पर जा रहे हो तो मास्क लगा के ही जाएं।
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, अपने शरीर के सहनशीलता के अनुसार व्यायाम करें।    

 

सीओपीडी और वजन ज्यादा हो तो क्या करें - Weight loss tips if you have COPD in Hindi

कम शारीरिक श्रम एवं स्टेरॉइड्स के कारण वजन का बढ़ना देखा जाता है ऐसे में अपने भोजन की मात्रा देखें कि कहीं आप ज्यादा तो नहीं खा रहे। ओवरईटिंग या ज्यादा खाने से बचें। फाइबर युक्त भोजन करें जिससे आप ऊर्जा की मात्रा कम कर सकते है। इसके साथ अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां एवं फल भी लें। इसके साथ ही अपनी क्षमता के अनुसार, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। 

(और पढ़ें - फाइबर के फायदे)

थकान के लिए क्या करें - What should we do for fatigue in Hindi

ऐसे में थकान काफी आम समस्या है, जो भी व्यक्ति अपनी रोज़मर्रा का काम स्वयं करता हो ( जैसे खाना पकाना, बर्तन धुलना, कपडे धुलना आदि ) उसकी यह मुख्य समस्या होती है कि कार्य को खत्म करने के बाद शरीर में ऊर्जा नहीं बचती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप कम ऊर्जा एवं मेहनत लगने वाला भोजन बनाएं, किसी भी कार्य के लिए टाइमटेबल बना लें जिससे कम से कम समय व ऊर्जा में आपका कार्य हो पाए। यदि आपके आस पास कोई है तो मदद के लिए पूछें।

(और पढ़ें - थकान दूर करने के लिए क्या खाएं)

फ़ूड सप्लीमेंट लें या नहीं - Food supplement required or not in Hindi

बाजार में बहुत सारे फ़ूड सप्लीमेंट या प्रोटीन सप्लीमेंट उपलब्ध हैं जिनसे रोज के दिनचर्या के लिए आवश्यक ऊर्जा, प्रोटीन, वसा, विटामिन्स एवं खनिज तत्वों की कुछ मात्रा में पूर्ति हो पाती है, लेकिन इनका सेवन तभी करें, जब पोषक तत्वों की आपूर्ति भोजन से ना हो पाए। पहले अपने आहार से पोषक तत्वों की पूर्ति करें, इसके लिए आहार में नियमित मात्रा में अनाज, दालें, फलियां, चिकन, मछलियां, रंगबिरंगी सब्जियां एवं फल एवं पानी का सेवन करें। 

(और पढ़ें - प्रोटीन युक्त भारतीय आहार)

रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को ध्यान रख के आहार लें - Diet to control your blood sugar in COPD in Hindi

इस समस्या में स्टेरॉयड के कारण रक्त शर्करा का बढ़ना देखा जाता है इसलिए समय समय पर रक्त शर्करा की जांच कराते रहे, यदि रक्त शर्करा ज्यादा है तो डॉक्टर से मिल के दवा शुरू करें एवं आहार में चीनी, गुड़, शहद, सफ़ेद चावल, सफ़ेद ब्रेड, मीठे फल जैसे- आम, चीकू, लीची, अंगूर, शरीफा आदि जमीन के नीचे वाली सब्जियां जैसे-आलू, अरबी, शकरकंद, जिमीकंद का कम से कम सेवन करें।

(और पढ़ें - ब्लड शुगर टेस्ट कैसे किया जाता है)

यदि भूख कम लग रही हो तो करें ये उपाय - Tips to increase your appetite in Hindi

इस समस्या में भूख ना लगना काफी आम बात है, ऐसे में खाने को देखने में अच्छा बनाएं, सब्जियों के सूप का सेवन करें। इसके साथ थोड़ी थोड़ी देर में खाने की आदत डाल सकते हैं। भोजन के साथ तरल चीजें ना ले कर दो भोजन के बीच में लें सकते है, इससे पेट को एक बार में ही बहुत ज्यादा भरने से रोक पाएंगे।

तेल कौन सा इस्तेमाल करें - Which oil to use in Hindi

सीओपीडी में सरसों के तेलसूरजमुखी के तेल, मूंगफली तेलअलसी के तेलतिल के तेल, कनोला तेल आदि जैसे तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। किन्तु ट्रांस वसा एवं सैचुरेटेड वसा के प्रयोग से परहेज करना आवश्यक है। डालडा, मक्खन, क्रीम, बिस्किट, नमकीन, केक, पेस्ट्री, चिप्स, पैकेट वाले स्नैक्स में काफी मात्रा ट्रांस वसा एवं सैचुरेटेड वसा होता है अतः इनसे परहेज करें।

Dr. Dhanamjaya D

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Dt. Surbhi Upadhyay

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Dt. Manjari Purwar

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संदर्भ

  1. American Lung Association [internet]. Chicago. Illinois. US; Nutrition and COPD
  2. Rawal Gautam, Yadav Sankalp. Nutrition in chronic obstructive pulmonary disease: A review. J Transl Int Med. 2015 Oct-Dec; 3(4): 151–154. PMID: 27847905.
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