प्रेग्नेंसी महिलाओं के जीवन का एक अहम पड़ाव होता है। महिलाओं को गर्भधारण करने से पहले अपने शरीर को गर्भावस्था के लिए तैयार करना होता है। इतना ही नहीं गर्भावस्था के दौरान भी महिला को कई तरह की सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती हैं। इस समय बच्चे के विकास के लिए कई तरह के विटामिन्स की आवश्यकता होती है, जो महिलाओं को आहार व दवाइयों के माध्यम से ही मिलते हैं। इस दौरान हर गर्भवती महिला को समय-समय पर डॉक्टर के पास जाकर शरीर की आवश्यकता के अनुसार विटामिन लेने संबंधी सलाह लेनी चाहिए।

प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में किसी भी तरह के विटामिन की कमी का सीधा असर उसके गर्भ में पलने वाले बच्चे पर पड़ता है। गर्भावस्था के समय विटामिन की कमी से बच्चे में कई तरह के जन्मजात रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

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  1. गर्भावस्था में विटामिन क्यों जरूरी होता है - Garbhavastha me vitamin kyu jaroori hota hai
  2. प्रेगनेंसी में विटामिन कब से लेना शुरू करें - Pregnancy me vitamin kab se lena shuru kare
  3. गर्भावस्था में फोलिक एसिड - Garbhavastha me folic acid
  4. प्रेगनेंसी में विटामिन डी - Pregnancy me vitamin D
  5. गर्भावास्था में आयरन की आवश्यकता - Garbhavastha me iron ki avashyakta
  6. प्रेग्नेंसी में विटामिन सी - Pregnancy me vitamin C
  7. गर्भावस्था में कैल्शियम का महत्व - Garbhavastha me calcium ka mahatva
  8. प्रेग्नेंसी में शाकाहारी भोजन - Pregnancy me shakahari bhojan

गर्भावस्था में बच्चे का संपूर्ण शरीर का निर्माण होता है। इस समय किसी भी अंग में आने वाली समस्या को जन्म के बाद ठीक किया जाना बेहद ही मुश्किल होता है। कई बार तो बच्चों में जन्म से इस तरह के विकार उत्पन्न हो जाते हैं, जिसके चलते उन्हें पूरे जीवन परेशानी में गुजारना पड़ता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के समय महिला को आम दिनों की अपेक्षा अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।

गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य की भी जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। इसके चलते महिला को गर्भावस्था में विटामिन्स की आवश्यकता होती है। प्रेग्नेंसी में फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम लेना बेदह जरूरी होता है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि फोलिक एसिड लेने से बच्चे में मेरुदंड से संबंधी दोष (Neural-tube defect/ न्यूरल ट्यूब दोष) नहीं होता है, जबकि आयरन डिलीवरी के समय बच्चे की ऑक्सीजन के लिए जरूरी होता है। इसके अलावा कैल्शियम गर्भावस्था के समय बच्चे और मां की हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।

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प्रेग्नेंसी के लिए प्रयास करने वाली महिलाओं को करीब तीन महीने पहले से विटामिन लेने की आवश्यकता होती है। महिलाओं के शरीर में बनने वाले अंडे को करीब तीन महीने पहले से पोषण की जरूरत होती है। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी के पहले चार सप्ताह में भ्रूण में विटामिन की कमी से न्यूरल ट्यूब दोष (Neural-tube defect), जैसे– स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) होने की संभावनाएं होती है। अगर आप खुद को गर्भवती महसूस कर रहीं हैं, तो आपको इसकी पुष्टि व अन्य प्रक्रिया के लिए डॉक्टर से मिलने के पहले से ही विटामिन लेना शुरू कर देना चाहिए। गर्भावस्था के पहले कुछ सप्ताह बच्चे के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं और इस दौरान कोई भी चूक बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसके चलते ही आपको प्रेग्नेंट होने से पहले से ही विटामिन लेना शुरू कर देना चाहिए।

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प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड लेना बेहद ही जरूरी होता है। गर्भवती होने से पहले ही डॉक्टर आपको फोलिक एसिड लेने की सलाह देते हैं। फोलिक एसिड की 400 माइक्रोग्राम (0.4 मिलीग्राम) मात्रा गर्भवती होने का प्रयास करने से पहले से दी जाती है और यह दवा गर्भावस्था के 12वें सप्ताह तक चलती है। बच्चे में होने वाले जन्मजात दोष, जैसे- स्पाइना बिफिडा होने से बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए फोलिक एसिड की दवाएं दी जाती है। फोलिक एसिड को महिलाएं खाद्य पदार्थों के द्वारा भी ग्रहण कर सकती हैं। हरी सब्जियों व अनाज आदि में फोलिक एसिड पाया जाता है। अकसर भोजन से फोलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा गर्भवती महिला को नहीं मिल पाती है, ऐसे में दवाओं के माध्यम से इसकी जरूरत को पूरा किया जा सकता है।

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निम्न तरह के मामलों में महिलाओं को फोलिक एसिड की अधिक मात्रा देने की जरूरत होती है-

  • दूसरी बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के पहले बच्चे को यदि न्यूरल ट्यूब दोष (मेरुदंड संबंधी दोष) हो चुका हो।
  • महिला को डायबिटीज होना। (और पढ़ें - गर्भकालीन मधुमेह के उपचार)
  • परिवार में किसी सदस्य को न्यूरल ट्यूब दोष होना।
  • साथी या खुद महिला को न्यूरल ट्यूब दोष होना।

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प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के अलावा प्रत्येक व्यस्क को प्रतिदिन 10 माइक्रोग्राम (0.01 मिलीग्राम) विटामिन डी की आवश्यकता होती है। इसको कई तरह से प्राप्त किया जा सकता है। विटामिन डी कैल्शियम और फॉस्फेट को शरीर में नियमित करने का काम करता है। इससे हड्डियां, दांत और मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं। सूर्य की रोशनी से विटामिन डी की जरूरत को पूरा किया जा सकता है। लेकिन, तेज धूप होने पर आप अपने शरीर को ढ़ककर रखें। गर्मियों की तेज धूप में आपकी त्वचा में एलर्जी या सनबर्न (धूप से त्वचा का जलना) हो सकता है।

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तैलीय मछली, अंडे और लाल मांस से भी आप विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकती हैं। इसके अलावा आप विटामिन डी की पूर्ति के लिए दवाओं का भी सेवन किया जा सकता हैं। गर्भावस्था में सूर्य से विटामिन डी लेने के लिए तेज धूप में खड़े होने से बचें। इसके साथ ही गर्भावस्था में विटामिन डी की जरूरत होने पर आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में सुझाव लेना चाहिए। 

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गर्भावस्था में आयरन (लोहा) की कमी होने से आपको जल्द ही थकान हो सकती है। इसके अलावा आपको एनीमिया होने की संभावनाएं रहती हैं। गर्भावस्था के दौरान 27 मिलीग्राम आयरन लेने की सलाह दी जाती है। हरी पत्तेदार सब्जियां, कम वसा युक्त मीट, सूखे मेवे और नट्स आदि में आयरन होता है। अगर आपको मूंगफली खाना पंसद है, तो यह भी आपको गर्भावस्था में आयरन प्रदान करती है। इस दौरान आप मूंगफली से बने मक्खन (Peanut butter) का भी सेवन कर सकती हैं। लेकिन आपको मंगूफली से एलर्जी हो तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसको खाएं। गर्भावस्था के दौरान रक्त में आयरन का स्तर कम हो जाए तो इस स्थिति में अपने डॉक्टर से सलाह लेकर, आयरन के पूर्ती के लिए अन्य विकल्प को भी आप चुन सकती हैं।

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प्रेग्नेंसी में विटामिन सी आपकी कोशिकाओं को सुरक्षा प्रदान करता है और आपको स्वस्थ रखता है। विटामिन सी से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान 80-85 मिलीग्राम विटामिन सी लेने की सलाह दी जाती है। यह शरीर की रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाने में मदद करता है। कई तरह के फल और सब्जियों से विटामिन सी को ग्रहण किया जा सकता है।

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निम्न तरह के कुछ खाद्य पदार्थों में विटामिन सी पाया जाता है -

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गर्भावस्था में गर्भ में पलने वाले बच्चे की हड्डियों और दांतों के निर्माण में कैल्शियम विशेष भूमिका अदा करता है। डॉक्टरों के द्वारा प्रेग्नेंसी के दौरान 1000 से 1300 मिली ग्राम कैल्शियम लेने की सलाह दी जाती है।

गर्भावस्था में कैल्शियम पाने के लिए आप निम्न तरह के खाद्य पदार्थ खा सकती हैं -

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शाकाहारी संतुलित आहार आपको और आपके बच्चे को संपूर्ण पोषण प्रदान करता है। प्रेग्नेंसी में बच्चे और खुद के लिए जरूरी पोषण को ग्रहण करने के लिए आपको अपने डॉक्टर से विशेष डाइट प्लान के बारे में जान लेना चाहिए। अगर आपको शाकाहारी चीजों में विटामिन बी9 (फोलिक एसिड) और आयरन के विषय में पता ना चल पाए, तो ऐसे में आप अन्य विकल्पों से जरूरी विटामिन की कमी को पूरा कर सकती हैं।

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गर्भावस्था में जरूरी विटामिन और मिनिरल्स  कितनी मात्रा क्यों जरूरी होता है किन चीजों से प्राप्त करें

विटामिन ए और बीटा कैरोटीन

रोजाना 0.77 मिलीग्राम से अधिकतम 1 मिलीग्राम

हड्डियों और दांतों के लिए जरूरी

जिगर, दूध, अंडे, गाजर, पालक, हरी और पीली सब्जियां, ब्रोकोली, आलू, कद्दू, पीले फल

विटामिन डी

0.005 से 0.010 मिलीग्राम

शरीर कैल्शियम और फॉस्फोरस का उपयोग करने में सहायता करता है और दांतों और हड्डियों को मजबूत करता है

दूध, फैटी मछली, सूर्य का प्रकाश

विटामिन ई

रोजाना 15 मिलीग्राम से 1000 मिलीग्राम

लाल रक्त कोशिकाओं और मांसपेशियों के लिए उपयोगी

वनस्पति तेल, गेहूं, नट्स, पालक

विटामिन सी

रोजाना 80 से 85 मिलीग्राम, अधिकतम 2000 मिलीग्राम तक

यह एक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो ऊतकों को हानि से बचाता है और शरीर के लोहे (आयरन) को अवशोषित करने में मदद करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।

खट्टे फल, शिमला मिर्च, बीन्स, स्ट्रॉबेरी, पपीता, आलू, ब्रोकोली, टमाटर

थियामीन (Thiamin)/ बी 1

1.4 मिलीग्राम

ऊर्जा स्तर को ठीक करता है और तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करने में सहायक

साबुत अनाज, गेहूं, मीट, अंडे, चावल, जामुन, नट्स, फलियां

नियासिन (Nicacin)/ बी3

रोजाना 18 मिलीग्राम से अधिकतम 35 मिलीग्राम

त्वचा, तंत्रिकाओं और पाचन तंत्र को सही करता है

उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थ, रोटी, मीट, मछली, दूध, अंडे, मूंगफली

रिबोफ्लेविन (Riboflavin)/ बी2

1.4 मिलीग्राम

ऊर्जा प्रदान करता है, आंखों और त्वचा को स्वस्थ बनाता है।

मीट, चिकन, मछली, डेयरी उत्पाद और  अंडे

पीरिडोक्सिन (Pyridoxine)/ बी6

रोजाना 1.9 मिलीग्राम से अधिकतम 100 मिलीग्राम

लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण करने में सहायक और मॉर्निंग सिकनेस को कम करता है।

चिकन, मछली, जिगर, अंडे, सोयाबीन, गाजर, गोभी, मटर, पालक, गेहूं, सूरजमुखी के बीज, केला, सेम, ब्रोकोली, ब्राउन राइस, जई, मूंगफली, अखरोट

विटामिन बी12

0.0026 मिलीग्राम

डीएनए संश्लेषण में महत्वपूर्ण कारक और न्यूरल ट्यूब दोष (Nerual tube deficiency/ बच्चे में मेरूदंड संबंधी दोष) को रोकने में मदद कर सकता है।

मछली, जिगर, अंडे, डेयरी, चिकन

फोलिक एसिड/ फोलेट

रोजाना 0.4 से 0.8 मिलीग्राम और अधिकतम 1 मिलीग्राम तक

गर्भनाल के लिए जरूरी और स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) रोग को कम करता है

संतरे, संतरे का जूस, स्ट्रॉबेरी, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, चुकंदर, ब्रोकोली, फूलगोभी, मटर, सेम, नट्स

कैल्शियम

1,000 से 1,300 मिलीग्राम

हड्डियों और दांत को स्वस्थ रखता है, खून के थक्कों को रोकने में मदद करता है, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के कार्य में मदद करता है।

दही, दूध, पनीर, कैल्शियम, सोया मिल्क, जूस, रोटी, अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां

आयरन (लोह)

27 मिलीग्राम

हीमोग्लोबिन में सहायक और एनीमिया, जन्म के समय वजन होना और समय से पहले प्रसव की समस्या को दूर करता है।

बीन्स, सूखे मेवे, पालक, गेहूं और दलिया

प्रोटीन

71 ग्राम

अमीनो एसिड के उत्पादन में मदद करता है और कोशिकाओं को ठीक करता है।

मीट, चिकन, अंडे, डेयरी उत्पाद, सेम, फलियां, नट्स

जिंक

11 से 13 मिलीग्राम

इंसुलिन और एंजाइमों का उत्पादन करने में मदद करता है।

लाल मीट, मुर्गी, सेम, नट्स, साबुत अनाज, कस्तूरी, डेयरी उत्पाद

 

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)

 

संदर्भ

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